सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिए अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में इस बात का जिक्र किया कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए कोटा और आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यों को कोटा प्रदान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और राज्यों को सार्वजनिक सेवा में कुछ समुदायों के प्रतिनिधित्व में असंतुलन दिखाए बिना ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. उत्तराखंड सरकार के लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण पर अपील पर दिए गए एक फैसले में अदालत ने कहा कि कोई मौलिक अधिकार नहीं है, जो इस तरह के दावों के लिए अनुमति देता है.
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