केंद्र सरकार गुरु रविदास मंदिर के लिए उसी स्थान पर जमीन देने को तैयार है, जहां रविदास मंदिर दक्षिण दिल्ली में कुछ महीने पहले ध्वस्त कर दिया गया था. सरकार ने पीठ को बताया कि यह निर्णय शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि साइट के 200 वर्ग मीटर क्षेत्र को मंदिर निर्माण के लिए भक्तों की एक समिति को सौंपा जा सकता है. कोर्ट ने केंद्र के प्रस्ताव को रिकॉर्ड में ले लिया और सोमवार को आदेश पारित करने के लिए मामले को सूचीबद्ध किया. अटॉर्नी जनरल ने पीठ को बताया कि उन्होंने भक्तों और सरकारी अधिकारियों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ परामर्श किया और केंद्र सरकार ने साइट के लिए भक्तों की संवेदनशीलता और विश्वास को देखते हुए भूमि देने के लिए सहमति व्यक्त की. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि सात याचिकाकर्ताओं में से पांच, जिन्होंने मंदिर के विध्वंस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. उसमें से सरकार के प्रस्ताव पर केवल दो सहमत हैं. कोर्ट का कहना है कि यह उनकी आपत्तियों को सुनने के बाद आदेश पारित करेगा.
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