प्रवासी मजदूर हों, किसान हों, रेहड़ी-पटरी वाले हों, उनके लिए बड़े-बड़े ऐलान हुए हैं. बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. काम-धंधा उनका खत्म हो चुका है. उनकी परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, हालांकि सरकार ने उनके लिए राशन का ऐलान किया है लेकिन उनका कहना है कि उन्हें खैरात नहीं चाहिए बल्कि रोजगार चाहिए.
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