महाराष्ट्र में आंगनबाड़ी सेविका रेलु रमेश वसावे ने मिसाल पेश की है. लॉकडाउन के दौरान कोई भी प्रभावित न हो, इसके लिए वह खुद नाव लेकर ग्रामीण इलाकों के लिए निकल जाती थीं. वह कहती हैं कि कोई भी पोषक आहार से वंचित न रहे, इसके लिए वह खुद नाव लेकर उनके पास चली जाती थीं. कभी-कभी तो उन्हें इस काम में 18 घंटे तक लग जाते थे. वह कहती हैं कि काम जरूर मुश्किल है लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी से भी पीछे नहीं हटना चाहती हैं.
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