लाखों करोड़ों की सरकारी संपत्तियों को लेकर इतना बड़ा फैसला हो गया लेकिन आज के अखबारों ने उसे केवल पहली खबर की जगह लगाकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ धो लिया और सवालों को छेड़ने की जरूरत नहीं समझी. यह हाल विपक्ष की प्रतिक्रियाओं में भी दिखा. शायद इसलिए जो मुद्रीकरण की जो पुस्तिका जारी की गई है उसमें विपक्षी राज्यों के भी उदाहरण दिये गये हैं.
from Videos https://ift.tt/3yf4HKD
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment