आम कोविड मरीजों की तुलना में डेल्टा प्लस के जो मरीज हैं, उनमें थोड़े अलग लक्षण भी नजर आ रहे हैं. जैसे कि पेट में दर्द होना, बॉडी पर रेसिज और पैर की उंगलियों का रंग बदलना जैसे लक्षण अगर कोविड मरीजों में दिख रहे हैं, तो उनके सैंपल लिए जा रहे हैं और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं. इस साल फरवरी महीने से लेकर जुलाई तक में करीब 12 हजार सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हुई है. महाराष्ट्र के जो नतीजे हैं, उनमें 85 फीसदी डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं.
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