आतंकियों से लोहा लेने वाली सेना 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर 41 साल के कर्नल मनप्रीत सिंह हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले थे. अपनी 18 साल की सर्विस के दौरान हमेशा जांबाज़ कर्नल सिंह ने आगे बढ़कर मोर्चा थामा और जो भी जिम्मेदारी मिली उसे बहादुरी के साथ निभाया. और उस बहादुरी के लिए मनप्रीत को सेना मेडल से सम्मानित भी किया गया था. कर्नल मनप्रीत अपने पीछे पत्नी जगमीत ग्रेवाल और एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गए. इसी पलटन ने बुरहान वानी समेत सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया था. मनप्रीत के पिता भी फौज में थे और बचपन से ही मनप्रीत भी फ़ौजी वर्दी पहनने का सपना देखने लगे थे.
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