मध्य प्रदेश में एक जून से 13 जुलाई के दौरान सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश हुई है मगर कई ज़िले तो ऐसे हैं जहां पचास फीसदी से भी कम बारिश हुई है जिसकी वजह से खरीफ की फसलें सूखने की कगार पर हैं और किसान परेशान हैं. दो हफ्ते से मानसून के बादल रास्ता भटक गये हैं. मूंग, उड़द और कपास की बुवाई के लिए बहुत कम समय बचा है. इस कारण किसानों के चेहरे मायूस है, क्योंकि मानसून की देरी से उनकी आय पर प्रभाव पड़ सकता है ... एक और परेशानी है मिलावटी खाद
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